आज यह कलयुग है!
चारो ओर फैला
धर्म युद्ध है
दो वर्गों के बीच है ये धर्म युद्ध
हां! दो वर्गों में!
एक वो जो सब बनाते हैं!
एक वो जो जो सब दबा जाते हैं!
ये कोई नया युद्ध नहीं है
ये तो सदियों से छिड़ा हुआ है!
कभी जीतते हैं हम
जो सब बनाते हैं!
हारते हैं कभी वो
जो सब लूटते हैं
वो हारे हैं
कई बार
और फिर हारेंगे 17 की तरह
और हम 1फिर जीतेंगे 17 की तरह
45 की तरह,
क्योंकि हम सब बनाते हैं!
तो सब के मालिक भी हम ही हैं
क्योंकि हम मज़दूर वर्ग हैं!
रोशन सिंह