बचपन की वो यादें हसीन थीं
दोस्तों के साथ वो बातें हसीन थीं।
उनकी खुशी में खुश रहते थे हम
उनकी दुःख में दुःखी रहते थे हम
तो फिर ये मोड़ कैसा था
जिसमे होना पडा जुदा हमे
पता तो था की मिलेंगे दोस्त हर मोड़ पर
लेकिन स्कुल की तो बातें
कुछ और थी
की वो दोस्त पुराने थे
निराले थे
दील लगाने वाले थे
बात चीत कर के हर मुश्किल को सुलझाने वाले थे
इस लिए तो वह दोस्त हमारे थे।
बचपन की वो यादें हसीन थीं
दोस्तों के साथ वो बातें हसीन थीं।
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