Water problem in slum |
दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में पीने के पानी की समस्या वहाँ की सबसे बड़ी समस्या है। यहां युवाओं का झुंड आंदोलित है इस मांग को लेकर की उन्हें भी पीने का पानी मिले, भीख की तरह न मिलकर सम्मान पूर्वक मिले। आंदोलन से सबको जोड़ने, जागरूक करने और एकजुट करने के आहवान के रूप में गाया जाने वाला गीत रूपी कविता।
लड़ेंगे, जीतेंगे, डटे रहेंगे
घर घर पानी अब लेके रहेंगे
अब कोई माँ नहीं टंकी ढोएगी
अब कोई बहन नही टेंकर पे रोयेगी
आओ रे दोस्तो, आओ रे भाई
घर घर पानी की मांग है लड़ाई
अब किसी पिता की जाए ना नौकरी
अब किसी भाई की छुटे ना पढ़ाई
हक और सम्मान की है ये लड़ाई
घर घर पानी की मांग है लड़ाई
अब कोई जवां नही ढोएगा झंडा
अब कोई दोस्त नहीं खायेगा डंडा
जो मेरा हाल है, वो ही तेरा रे भाई
भूल आपसी मतभेद, चलो करो रे चढ़ाई
आओ रे आओ, जमीर को बचाओ
आओ रे आओ, सम्मान ना गँवाओ
माताओं के ये सम्मान की लड़ाई
बहनों के राखी के कर्ज की चुकाई
पिता के पगड़ी की लाज हम बचाएं
नासूर भये हालातों में बदलाव हम लाएं
आओ रे दोस्तों आओ रे भाई
घर घर पानी की मांग है लड़ाई
लड़ेंगे, जीतेंगे, डटे रहेंगे
घर घर पानी अब लेके रहेंगे
प्रदीप चौहान