गुरुवार, 6 सितंबर 2018

क्यों सो रहा तू नौजवान। : प्रदीप चौहान

क्यों सो रहा तू नौजवान।

न हो करियर में असमंजस
कि दूर तक तुझे है जाना
न रख कोई बैर न रंजिश
कि तुझे खुद को नहीं उलझाना
तुझमे है जज्बा रच सफलता का इतिहास
क्यों सो रहा तू नौजवान।

अपनी क्षमताओं का स्मरण कर
अपनी कमियों का तू मरण कर
तू सिख नित नए हुनर
अपनी अच्छाइयों की बुनियाद पर
चल गगन पर तू परचम लहरा
क्यों सो रहा तू नौजवान।

है करियर में भटकाव बहोत
हर मोड़ पर टकराव बहोत
उलझनें मिलेंगी हर कदम
अड़िग बना तेरी इच्छाशक्ति और दम
तू जीत सकता है सबको पछाड़
क्यों सो रहा तू नौजवान।

सुलगाई जा रही धर्म की चिंगारी दिलों में
लगाई जा रही हिन्दुत्व की आग सीनों में
कुछ अपने निजी स्वार्थ के लिए 
बिछा रहे बिसात विध्वंस की
इस भस्मासुर को न होने दे विकराल
क्यों सो रहा तू नौजवान।

मुद्दे से तुझको भटकाया जा रहा
बुनियादी जरूरतों के लिए तरसाया जा रहा
चुनाव में तुझको भुनाया जा रहा
छोटी छोटी मांगों के लिए नचाया जा रहा
न मरने दे तेरा ज़मीर, तू बन खुद्दार
क्यों सो रहा तू नौजवान।

शोषण अपने चरम पर है
दमन का हर जगह परचम है
लूट खसोट बना सबसे बड़ा व्यापार है
बेसब्री बन रहा युवाओं का जंजाल है
न बनने दे भ्रष्टाचार लोगो की पहचान
क्यों सो रहा तू नौजवान।

6 टिप्‍पणियां:

  1. sir aaj ke halato ko aapne bilkul sahi tarike se in sabdo me utara h aap aise hi likhate rahiye......
    isase hame ek achi prerna milti h

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सोनू जी, आप जैसे युवा अगर मेरी इस रचना से कुछ सिख, समझ पाए हैं तो मेरे लिए ये ही बहुत बड़ी उपलब्धि और इस कविता का उद्देश्य पूरा कहलाएगा। आपके शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते है। लिखने की कोशिश जारी रहेगी।

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  2. Sir aaj ke halat ke hisab se apki jo kavitaye hoti h vo bohot perfect h. Or apki kavitao se mujhe or aaj ke yuvao Ko motivation milta h. Ap bohot acha likhte ho or hum chahte h ki ap humara hosla badane ke liye issi traha likhte raho

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    1. आज देश के जो हालात है उसमें मुद्दा कुछ और लेकिन चर्चा कुछ और किया जाता है। सबसे बड़ा भटकाव युथ के लिके है। मीडिया के विभिन्न माध्यमों से ब्रेन वाशिंग किया जा रहा है। असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। यूथ को एलर्ट रहना होगा। सचाई को समझना होगा।
      खुशी है कि आप जैसे युथ मेरी कविता से कुछ समझ पा रहे है। आपके प्रोत्शाहन मेरे लिए कीमती है। कोशिश जारी रहेगी।

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Kavi Pradeep Chauhan