रविवार, 21 नवंबर 2021

नशे की गिरफ्त में बच्चे : प्रदीप चौहान

क्यों नहीं सीखते कोई हुनर?
क्यों बर्बाद कर रहे ये उमर?
फूलों में है बहार सुनो।
भवरों की हूंकार सुनो।
सुनो मंजिलें तुम्हें पुकारती।
चलो की राहें तुम्हें पुकारती।
उठो जीवन को सवारना है।
जागो हालातों को सुधारना है।
मेरे भाई क्यों तुम भटक गए?

प्रदीप चौहान

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Kavi Pradeep Chauhan