सोमवार, 10 जून 2024
शुक्रवार, 24 मई 2024
चमक
खामोशी
अंधभक्ति की कोई अब दवाई नहीं बिकती : प्रदीप चौहान
मंगलवार, 9 अप्रैल 2024
हमारा "रवि" रोशनी फैलाता है।
शनिवार, 30 मार्च 2024
उनके चेहरे का खिलना कुछ तो कहता है : प्रदीप चौहान
किताबों से : प्रदीप चौहान
गुरुवार, 11 मई 2023
ये धर्म युद्ध है: रोशन सिंह
आज यह कलयुग है!
चारो ओर फैला
धर्म युद्ध है
दो वर्गों के बीच है ये धर्म युद्ध
हां! दो वर्गों में!
एक वो जो सब बनाते हैं!
एक वो जो जो सब दबा जाते हैं!
ये कोई नया युद्ध नहीं है
ये तो सदियों से छिड़ा हुआ है!
कभी जीतते हैं हम
जो सब बनाते हैं!
हारते हैं कभी वो
जो सब लूटते हैं
वो हारे हैं
कई बार
और फिर हारेंगे 17 की तरह
और हम 1फिर जीतेंगे 17 की तरह
45 की तरह,
क्योंकि हम सब बनाते हैं!
तो सब के मालिक भी हम ही हैं
क्योंकि हम मज़दूर वर्ग हैं!
रोशन सिंह
बुधवार, 5 अप्रैल 2023
कफ़न : प्रदीप चौहान
शुक्रवार, 31 मार्च 2023
मेरे दुश्मन: प्रदीप चौहान
अब कफ़न निकलेगा: प्रदीप चौहान
गुरुवार, 9 मार्च 2023
किताबों से : प्रदीप चौहान
सोमवार, 27 फ़रवरी 2023
कर्तव्य पथ पर खड़ा ये देश का स्वाभिमान।
दीवारों पर लिखे हजारों शहीदों के नाम,
युधस्मारक ये गड़तंत्र भारत की पहचान।
अमर जवान ज्योति देती हरपल श्रधांजलि,
कर्तव्य पथ पर खड़ा ये देश का स्वाभिमान।
हे मंजिल तु मुझे मिलती क्यों नहीं : प्रदीप चौहान
कितनी खुशियों को हमने छोड़े
कितने अपनों से हमने मुंह मोड़े
पल पल मारते रहे इच्छाओं को
हर कदम तकते रहे आशाओं को
पल पल चाहा हरपल की कोशिश
हे मंजिल तु मुझे मिलती क्यों नहीं?
घर छोड़े हमने अपना गांव छोड़ा
मां की ममता भरा हर छांव छोड़ा
दोस्ती छोड़ी अपने हर दोस्त छोड़े
बन परदेसी हमने रिश्ते नाते तोड़े
पल पल चाहा हरपल की कोशिश
हे मंजिल तु मुझे मिलती क्यों नहीं?
गेहूं की सरसराती बालियां छोड़ी
धान की मखमल पेठारियाँ छोड़ी
लहलहाते हुए हमने खेत छोड़ें
छोड़ा दिया हमने बाग बगीचा।
पल पल चाहा हरपल की कोशिश
हे मंजिल तु मुझे मिलती क्यों नहीं?
-
Water problem in slum दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में पीने के पानी की समस्या वहाँ की सबसे बड़ी समस्या है। यहां युवाओं का झुंड आंदोलित है...
-
क्षेत्रिय घेराव बना बिहार की मजबूरी समुन्द्र तट न होना है बड़ी कमजोरी नही अंतराष्टीय जान पहचान न कोई व्यापारिक आदान प्रदान स...
-
रोज़गार व बेहतर ज़िंदगी की तलाश मे न चाहकर भी अपना घर परिवार छोड़कर शहरों मे आने का सिलसिला वर्षों से चलता आ रहा है। पलायन करने वाले हर व्य...