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शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
बुधवार, 10 मार्च 2021
भार : प्रदीप चौहान
हद से ज्यादा भार लेकर दौड़ा नहीं जाता
साथ सारा संसार लेकर दौड़ा नहीं जाता ।
दौड़ो अकेले अगर पानी है रफ़्तार
जिम्मेदारियों का पहाड़ लेकर दौड़ा नहीं जाता।
बदलाव : प्रदीप चौहान
अकेले चल इंसान बदल जाते हैं
ले साथ चलें तो बदलाव लाते हैं।
उस सफलता के मायने ही क्या
जिसे पाते ही अपने पीछे छूट जाते हैं।
मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021
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