श्री रमेश आनन्दानी सर द्वारा, “ राष्ट्रीय युवा दिवस ” के अवसर पर रचित एक कविता । जो फ़ेस्बुक पोस्ट से प्राप्त हुई। और युवाओं को प्रेरणा देती, उनमें जोश भरती एक बेहतरीन कविता है।
तुम युवा हो, तुम में जोश है
स्वयं को पहचानो तुम में होश है
आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ो
आकाश तुमने छूना है
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है
अंतर न करो युवक युवती में
दोनों का लक्ष्य एक ही है जीवन में
साथ मिलकर चलेंगे तो आसान होगा
पत्थरों पर चलना दूब समान होगा
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
पृथ्वी चल रही है चाँद भी चल रहा है
जीवन में प्रत्येक व्यक्ति चल रहा है
तुम्हें तो जुनून है मंज़िल को पाने का
फिर साथ रौशनी का हो या अन्धेरे का
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
सफलता की राह में रोड़े बड़े मिलेंगे
धर्म और राजनीति के धोखे बड़े मिलेंगे
अपने सपनों व इरादों को विशाल करो
देश की सेवा के विश्वास को मशाल करो
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
श्री रमेश आनन्दानी
तुम युवा हो, तुम में जोश है
स्वयं को पहचानो तुम में होश है
आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ो
आकाश तुमने छूना है
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है
अंतर न करो युवक युवती में
दोनों का लक्ष्य एक ही है जीवन में
साथ मिलकर चलेंगे तो आसान होगा
पत्थरों पर चलना दूब समान होगा
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
पृथ्वी चल रही है चाँद भी चल रहा है
जीवन में प्रत्येक व्यक्ति चल रहा है
तुम्हें तो जुनून है मंज़िल को पाने का
फिर साथ रौशनी का हो या अन्धेरे का
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
सफलता की राह में रोड़े बड़े मिलेंगे
धर्म और राजनीति के धोखे बड़े मिलेंगे
अपने सपनों व इरादों को विशाल करो
देश की सेवा के विश्वास को मशाल करो
तुम्हें आगे ही आगे बढ़ना है |
श्री रमेश आनन्दानी